tag:blogger.com,1999:blog-21158690237323693072024-03-13T04:27:48.389-07:00Kavita-a-Daniѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.comBlogger52125tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-29316981858578548452010-07-15T18:34:00.001-07:002010-07-15T18:34:50.130-07:00वादों का चमनझुलस चुका है तेरे वादों का चमन हमदम,भरम के पानी से कब तक करूं जतन हमदम।<br />
समन्दरे-वफ़ा ही मेरे इश्क़ की महफ़िल , तेरा दग़ा के किनारों सा अन्जुमन हमदम।<br />
कुम्हारों की दुआ है मेरे प्यार की धरा को,अजीज़ है तुझे क्यूं ग़ैर का वतन हमदम।<br />
शराबे-चश्म पिलाती हो इतनी तुम अदा से,लरजता फिर रहा है मेरा बांकपन हमदम।<br />
ग़मे-चराग़ां से रौशन है मेरी ग़ुरबत ,ख़ुशी-ए-आंधियों कर ले तू गबन हमदम।<br />
सज़ा झुके हुवे पौरष को ना दे वरना लोग,कहेंगे टूटा सिकन्दर का क्यूं वचन हमदम।<br />
क़मर ने चांदनी को नाज़ से रखा पर वो,पहन ली बादलों के इश्क़ का कफ़न हमदम।<br />
ग़रीबों से ख़फ़ा है वो अमीरों पर कुरबान,ज़माने से है ज़माने का ये चलन हमदम ।<br />
बचाना है मुझे अपने अहम को भी दानी,वफ़ा के बदले दग़ा क्यूं करूं सहन हमदम।<br />
<br />
अंजुमन- महफ़िल,ग़मे-चराग़ां- चराग़ो के ग़म से। ग़ुर्बत-ग़रीबी।क़मर-चांद।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com11tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-66558345755694787952010-07-12T17:16:00.001-07:002010-07-12T17:16:26.354-07:00उलझनउलझनों में मुब्तिला है ज़िन्दगी ,मुश्किलों का सिलसिला है ज़िन्दगी।<br />
बीच सागर में ख़ुशी पाता हूं मैं , साहिले ग़म से जुदा है ज़िन्दगी ।<br />
फ़ांसी फिर मक़्तूल को दे दी गई ,क़ातिलों का फ़लसफ़ा है ज़िन्दगी।<br />
किसी को तरसाती है ता-ज़िन्दगी,किसी के खातिर ख़ुदा है ज़िन्दगी।<br />
मैं ग़ुलामी हुस्न की क्यूं ना करूं, चाकरी की इक अदा है ज़िन्दगी ।<br />
इक किनारे पे ख़ुशी दूजे पे ग़म ,दो क़दम का फ़ासला है ज़िन्दगी।<br />
मैं हताशा के भंवर में फंस चुका, मेरी सांसों से ख़फ़ा है ज़िन्दगी।<br />
बे-समय भी फ़ूट जाती है कभी ,पानी का इक बुलबुला है ज़िन्दगी।<br />
वादा करके तुम गई हो जब से दूर, तेरी यादों की क़बा है ज़िन्दगी ।<br />
मैं चराग़ो के सफ़र के साथ हूं , बे-रहम दानी हवा है ज़िन्दगी।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-49782589264408083492010-07-10T18:44:00.001-07:002010-07-10T18:44:15.312-07:00इश्क़ की खेतीѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-17016600909760773612010-07-09T20:53:00.000-07:002010-07-09T20:53:15.907-07:00ईमानजब से दिलों की गलियों में ईमान बिकते हैं,हां तब से राहे-इश्क़ बियाबान लगते हैं।<br />
ग़म से भरी है दास्तां मेरी जवानी की ,बज़ारे-इश्क़ मे सदा अरमान सड़ते हैं।<br />
साहिल के घर का ज़ुल्म बहुत झेला है मैंने,मंझधार में ही सब्र को परवान चढते हैं।<br />
दिल में नशा शराब का चढता नहीं कभी ,बस साक़ी के लिये ही गिरेबान फटते हैं।<br />
हर काम पहले थोड़ा कठिन लगता है मगर,कोशिश करोगे दिल से तो आसान होते हैं।<br />
ग़म के चराग़ों से मेरा रिश्ता पुराना है ,सुख के हवाओं में कहां इंसान बनते हैं ।<br />
लबरेज़ है हवस से ,मुहब्बत का दरिया अब,बस चद वक़्त के लिये तूफ़ान उठते हैं।<br />
सैयाद जब से बुलबुलों को बेच आया शहर ,तब से दरख़्ते-शहर परेशान दिखते हैं।<br />
इस मुल्क की विशेष पहचान है दुनिया में,हिन्दू के मंदिरों मे मुसलमान झुकते हैं।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-586997489122826432010-07-08T19:47:00.001-07:002010-07-08T19:47:59.701-07:00सरहदेंक़ाग़ज पे मेरा नाम लिख मिटाते क्यूं हो ,है गर मुहब्बत मुझसे तो छिपाते क्यूं हो।<br />
घर के दहाने इन तवील रातों मे तुम , इक रौश्नी मुझको दिखा बुझाते क्यूं हो।<br />
जब ज़ख़्मों की तसवीर है नदारद दिल में , तो दर्द की महफ़िल अबस सजाते क्यूं हो।<br />
आवारगी तेरा पयाम है दुनिया को , तो दिल ज़माने से कभी लगाते क्यूं हो।<br />
जब ज़िन्दगी क़ुरबान है किसी के खातिर , तो नाम उसका दुनिया को बताते क्यूं हो।<br />
तेरे ग़मों का हिसाब तू ही जाने , लेकर ग़मों का बोझ मुस्कुराते क्यूं हो।<br />
तुम आंसुओं का मोल जानते हो हमदम , तो आंसुओं को बेवजह गिराते क्यूं हो।<br />
ये सरहदें बेबात बांट ली हमने जब ,तुम सरहदों में बार बार आते क्यूं हो।<br />
ख़ुद हौसलों से दूर हो जीवन भर दानी ,तो हौसला मेरा सदा बढाते क्यूं हो।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-12499379400498168452010-07-07T18:56:00.001-07:002010-07-07T18:56:22.459-07:00तेरा मेरा रिश्तातेरा मेरा ये जो रिश्ता है सनम , बस इसी का नाम दुनिया है सनम।<br />
हमको जब तुमने ख़ुदा माना है तो,क्यूं ख़ुदा से अपने पर्दा है सनम।<br />
इश्क़ की अपनी रिवायत होती है ,लैला मजनूं का ये तुहफ़ा है सनम।<br />
ना करूंगा जग में ज़ाहिर तेरा नाम,सच्चे आशिक़ का ये वादा है सनम।<br />
हम हिफ़ाज़त ग़ैरों से कर लेंगे पर,मुल्क को अपनों से ख़तरा है सनम।<br />
बिकने को तैयार है हर इंसां आज,कोई सस्ता कोई महंगा है सनम।<br />
चांदनी फिर बादलों के साथ है ,चांद का दुख किसने समझा है सनम।<br />
है चराग़ो के लिये मेरी दुआ , आंधियों से कौन डरता है सनम।<br />
दिल समन्दर की अदाओं का मुरीद,बेरहम, साहिल का चेहरा है सनम।<br />
इस जगह चोरी न करना इस जगह,कोई अफ़सर कोई नेता है सनम।<br />
मेरा पुस्तैनी मकां है उस तरफ़ , दिल लकीरों से न डरता है सनम।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-22855403363896503702010-07-05T16:45:00.001-07:002010-07-05T16:45:32.006-07:00ज़िन्दगीइक मुख़्तसर कहानी है अपनी ये ज़िन्दगी , कुछ पन्नों में ग़मों की हवा कुछ में है ख़ुशी।<br />
मेरे दरख़्तों सी वफ़ा पे दुनिया नाज़ करती , किरदार तेरे इश्क़ का बहती हुई नदी।<br />
सबको यहां से जाना है इक शब गुज़ार पर , इक रात भी कभी लगे लाचार इक सदी।<br />
दीवार ख़ोख़ला है तेरे महले-शौक का , मजबूत बेश, सब्र की मेरी ये झोपड़ी।<br />
जीते जी माना तुमने तग़ाफ़ुल नवाज़ा पर , क्यूं रखती है लहद के लिये दिल में बेरुख़ी।<br />
जुर्मों की भीड़ क्यूं है तेरे शहरे-इश्क़ में , लबरेज़ है सुकूं से, दिले-गांव की गली।<br />
मैं रात दिन जलाता हूं दिल के चराग़ों को , पर तूने की हवाओं के ईश्वर से दोस्ती।<br />
मजबूरी तुमने देखी न दरवेशे-इश्क़ की , ख़ुद्दार राही के लिये हर गाम दलदली।<br />
पतवार तेरा,साहिलों के ज़ुल्मों का हबीब , जर्जर मेरी ये कश्ती समन्दर से भिड़ चुकी।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-90928042248551786682010-07-04T19:03:00.001-07:002010-07-04T19:03:29.210-07:00पतंगाजबसे तुमको देखा है ,मरने की बस इच्छा है।<br />
इक नदी बौराई तू , शांत मेरा दरिया है।<br />
तेरी यादें ही सनम ,अब तो मेरी दुनिया है।<br />
साहिलों से डरता हुं , लहरों से अब रिश्ता है।<br />
हमको जब माना ख़ुदा ,हमसे ही क्यूं पर्दा है।<br />
धक्का दे कर अपनों को,आगे हमको बढना है।<br />
दूर जबसे तू गई , बज़्म मेरा तन्हा है।<br />
चोरी मेरी भी अदा , बस तलाशे मौक़ा है ।<br />
मैं पतंगा तो नही ,फिर भी मुझको जलना है।<br />
दोनों की ख़्वाहिश यही,दानी से बस मिलना है।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-18636270916555009102010-07-02T19:15:00.003-07:002010-07-02T19:15:56.425-07:00सज़ा दोमेरे क़ातिल का मुझे कोई पता दो , या उसे मेरी तरफ़ से दुआ दो।<br />
<br />
मैं चराग़ों की हिफ़ाज़त कर रहा हूं ,बात ये सरकश हवाओं को बता दो।<br />
<br />
बेवफ़ा कह के घटाओ मत मेरा कद, है वफ़ा की चाह तो ख़ुद भी वफ़ा दो।<br />
<br />
छोड़ कर जाने के पहले ऐ सितमगर,इक अदा सच्ची मुहब्बत की दिखा दो।<br />
<br />
जीते जी गर दूरी ज़ायज थी जहां में, कांधा तो मेरे जनाज़े को लगा दो।<br />
<br />
ये किनारे बेरहम हैं बदगुमां हैं , कश्तियों, मंझधार को अपनी बना लो।<br />
<br />
चांदनी से चांद की इज़्ज़त है जग मे , रौशनी दो या अंधेरों की सज़ा दो।<br />
<br />
ज़िन्दगी कुर्बान है कदमों मे तेरे , ऐ ख़ुदा मरने का मुझको हौसला दो।<br />
<br />
प्यार में दरवेशी का आलम है दानी, मिल सको ना तो तसव्वुर की रज़ा दो।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-15891208081479332892010-07-01T19:07:00.000-07:002010-07-01T19:07:03.454-07:00बे-वफ़ाईअब बेवफ़ाई, इश्क़ का दस्तूर है , राहे-मुहब्बत दर्द से भरपूर है।<br />
बारिश का मौसम रुख़ पे आया इस तरह,ज़ुल्फ़ों का तेरा दरिया भी मग़रूर है।<br />
ग़म के चमन को रोज़ सजदे करता हूं ,पतझड़ के व्होठों में मेरा ही नूर है।<br />
इस झोपड़ी की यादों में इक ख़ुशबू है ,महलों के रिश्ते भी सनम नासूर हैं।<br />
दिल के समन्दर में वफ़ा की कश्ती है , आंख़ों के साग़र को हवस मन्जूर है।<br />
जब से नदी के पास ये दिल बैठा है , मेरी रगों की प्यास मुझसे दूर है।<br />
चालें सियासत की, तेरे वादों सी , जनता उलझने को सदा मजबूर है।<br />
ग़म के चराग़ो को जला कर बैठा हूं , अब आंधियों का हुस्न बे-नूर है।<br />
दिल राम को तरज़ीह देता है मगर , मन रावणी क्रित्यों में मख़मूर है।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-78588496388051637252010-06-30T20:13:00.001-07:002010-06-30T20:13:59.060-07:00वादों का सफ़रतेरे वादों का सफ़र थमने लगा है ,मेरा दिल ये मुन्तज़र डर सा गया है।<br />
ग़म चराग़ों का उठाऊं रात दिन मैं , पर हवाओं से तेरा टांका भिड़ा है ।<br />
दिल वफ़ा के बरिशों से तर-ब-तर है, बे-वफ़ाई,तेरे दामन की फ़िज़ा है।<br />
क्यूं हवस की गलियों मे तुम घूमती हो,सब्र का रस्ता सुकूं से जब भरा है।<br />
मैं ग़रीबी की गली में ख़ुश्फ़हम हूं ,तू अमीरी कें मकां में भी डरा है।<br />
चांदनी को चांद से गर प्यार है,तो ,आसमानी ज़ुल्मों से लड़ने में क्या है।<br />
बिल्डरों का राज है अब इस वतन में, झोपड़ी का हौसला फिर भी खड़ा है ।<br />
डूबना है हुस्न के सागर में मुझको , टूटी फूटी कश्ती है पर हौसला है।<br />
क्रेज़ मोबाइल का है अब आसमां पे ,हाय चिठ्ठी पत्री की सांसें फ़ना है।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-73680540930042283342010-06-24T20:10:00.000-07:002010-06-24T20:10:05.678-07:00नामालिख मौत के नाम का नामा तेरे घर को ढूंढता हूं ,ग़म से भरा क़तरा हूं अपने समन्दर को ढूंढता हूं।<br />
इक जीत कर जंग क्यूं दिल अभिमान से लबरेज़ तेरा, मैं भी शहंशाह पोरष हूं सिकन्दर को ढूंढ्ता हूं ।<br />
अपनों की मेरी बुलंदी मेरे ही दम से आसमां पे , सबका मुकद्दर सजा अपने मुकद्दर को ढूंढता हूं ।<br />
जब पास थी तवज्जो दे सका ना हमसफ़र को , जब जा चुकी दूर तो उसके तस्व्वुर को ढूंढ्ता हूं।<br />
हमने बनाया जिन्हें जिनके कारण हमने की लड़ाई , यारो उसी बे-ज़ुबां मजबूर ईशवर को ढूंढ्ता हूं।<br />
ज़र जाह ऐसा कमाया, रक्स रखता है ज़माना , अब चाह पाई सुकूं की तो कलन्दर को ढूंढ्ता हूं।<br />
हर रात मैंने अंधेरों के दम से डकैती की दानी , घर में डकैती पड़ी तो मुनव्वर को ढूंढ्ता हूं।<br />
<br />
नामा ॥ख़त॥ ज़र-धन॥ जाह-इज़्ज़त॥ रक्स-इर्ष्या॥ मुनव्वर -प्रकाशमान शय॥ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-73076796072112327652010-06-20T21:09:00.001-07:002010-06-20T21:09:30.384-07:00बुलबुलतेरे तस्व्वुर ने किया पागल मुझे ,कोई दवा भी है नहीं हासिल मुझे।<br />
किरदार मेरा हो चुका दरवेश सा, अपनी खुशी की पहना दे पायल मुझे।<br />
ज़ख्मों की बारिश से बचूं कैसे सनम,प्यारा है तेरी गलियों का दलदल मुझे।<br />
कश्ती मेरी लहरों की दीवानी हुई , मदमस्त साहिल ने किया घायल मुझे ।<br />
तेरी अदाओं ने मुझे मारा है पर , दुनिया समझती अपना ही क़ातिल मुझे।<br />
या मेरी तू चारागरी कर ठीक से , साबूत लौटा दे, या मेरा दिल मुझे । <br />
झुकना सिखाया वीर पोरष ने मुझे, दंभी सिकन्दर,ना समझ असफ़ल मुझे।<br />
मन्ज़ूर है तेरी ग़ुलामी बा-अदब , है जान से प्यारा तेरा जंगल मुझे ।<br />
तू खुदगरज़ सैयाद ,दानी इश्क़ में, पर मत समझना बेवफ़ा बुलबुल मुझे।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-61963884625812808162010-06-19T18:50:00.001-07:002010-06-19T18:50:27.362-07:00तेरी ज़ुल्फ़ेंतेरी ज़ुल्फ़ों की फ़िज़ाओं से घिरा हूं ,बेअता बारिश को सजदे कर रहा हूं ।<br />
ये मुहब्बत भी अंधेरी इक गली है ,ठोकरें खाने अकेले चल पड़ा हूं।<br />
तेरी आंखों की नदी भी बेसुकूं है ,दर्द के दरिया में फ़िर भी डूबता हूं ।<br />
सांसें ये कुरबान हैं तेरी हंसी पे ,मैं पतंगा, शमा के घर पे खड़ा हूं ।<br />
फ़िर चरागों का हवाओं से मिलन है, क़ब्र अपना ,अपने हाथों खोदता हूं।<br />
आंखों पे काजल लगाया ना करो , मैं उजालों की निज़ामत में फ़ंसा हूं ।<br />
सरहदों की बंदगी से डरते हो क्यूं , दुश्मनों के कारवां से जा मिला हूं ।<br />
वो दगाबाज़ों के मंदिर में फ़ंसी है , मैं वफ़ा की राह में तनहा हुआ हूं ।<br />
सुर्ख़ तेरे व्होंठ माशा अल्ला दानी , मैं नदी के तट पे प्यासा मरा हूं ।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-46102840626388871692010-06-18T21:02:00.001-07:002010-06-18T21:02:43.335-07:00कहानीमुह्ब्बत की कहानी मैं सुनाता हूं, अदावत की गली में मैं न जाता हूं।<br />
किताबे-दिल अटी तेरी लकीरों से , लकीरों की जबीं मैं ना सजाता हूं ।<br />
सताया हूं हसीनों की नज़ाकत का, मज़ारे- इश्क़ से अब खौफ़ खाता हूं।<br />
ग़रीबों के मुहल्ले का निवासी हूं , अमीरों का महल मैं ही सजाता हूं।<br />
शराबी को दुआवों से नहीं मतलब,रहम की बातों से अब डर सा जाता हूं।<br />
तुम्हें देखा हूं जब से बे-सुकूं हूं मैं , तड़फ़ को अपनी दुनिया से छिपाता हूं।<br />
चराग़ो सा ये दिल मासूम है फ़िर भी, मैं पागल आंधियों को आज़माता हूं ।<br />
किनारे खुदगरज़ हैं इसलिये दानी , वफ़ायें मैं समन्दर से निभाता हूं ।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-13698456913373780962010-06-17T20:57:00.001-07:002010-06-17T20:57:00.075-07:00रथ के पहियेदिल रोया ना आंखें बरसीं ,तुम आये ना सांसें ठहरीं।<br />
ख्वाबों पर भी तेरा बस है , तनहाई में तू ही दिखती।<br />
मिल जाये जो दीद तुम्हारी ,कल ईद हमारी भी मनती।<br />
मजबूत सफ़ीना है तेरा , जर्जर सी है मेरी कश्ती ।<br />
मन्ज़ूर मुझे डूबना लेकिन , दिल की नदियां है कहां गहरी।<br />
सब्र चराग़ों सा रखता मैं , ज़ुल्मी हवायें तुमसे डरतीं ।<br />
अर्श सियासत की छोड़ न तू , मर जायेगी जनता प्यासी ।<br />
वादा तूने तोडा है पर , तुहमत में है मेरी बस्ती । <br />
तेरा घर मेरा मंदिर है , मेरी जान वहीं है अटकी।<br />
रथ के दो पहिये हम दोनों , तू ही हरदम आगे चलती।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-41875153475038235302010-06-16T20:30:00.003-07:002010-06-16T20:30:20.591-07:00दिल की दास्तांये सुलगते हुवे दिल की दास्तां है, , मेरे रग रग में यारों धुआं धुआं है ।<br />
दर्द ग़म तीरगी से सजी है महफ़िल , आज तनहाई ही मेरा पासबां है।<br />
चांदनी का मुझे इंतज़ार तो है , पर घटाओं से लबरेज़ आसमां है ।<br />
कांच का घर बनाकर परीशां हूं मैं , शहर वालों के हाथों में गिट्टियां हैं।<br />
ये मकाने-मुहब्बत है तिनकों का पर, अब ज़माने की नज़रों में आंधियां हैं।<br />
ज़ख्मों की पालकी झुनझुना बजाती , मेरी ग़ज़लों की तहरीर बे-ज़ुबां है ।<br />
ऐ ब्रितानी समन्दर बदल ले रस्ता , खूने-झांसी से तामीर कश्तियां हैं ।<br />
मुल्क खातिर जवानी में बेवफ़ा था, दौरे-पीरी ,शहादत में मेरी हां है ।<br />
सजदे में बैठा हूं रिन्दगाह में मैं , दानी अब तो बताओ खुदा कहां है ।<br />
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तिरगी- अंधेरा। पासबां-रक्छख । तामीर- बना। दौरे-पीरी-बुढापे का दौर। <br />
रिन्दगाह-शराबखानाѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-63279551222223332882010-06-15T21:10:00.000-07:002010-06-15T21:10:46.061-07:00सूर्ख गुलशनतू मेरे सूर्ख गुलशन को हरा कर दे , ज़मीं से आसमां का फ़ासला कर दे।<br />
हवाओं के सितम से कौन डरता है , मेरे सर पे चरागों की ज़िया कर दे ।<br />
या बचपन की मुहब्बत का सिला दे कुछ,या इस दिल के फ़लक को कुछ बड़ा कर दे।<br />
तसव्वुर में न आने का तू वादा कर , मेरी तनहाई के हक़ में दुआ कर दे।<br />
पतंगे की जवानी पे रहम खा कुछ , तपिश को अपने मद्धम ज़रा कर दे ।<br />
हराना है मुझे भी अब सिकन्दर को , तू पौरष सी शराफ़त कुछ अता कर दे।<br />
मुझे मंज़ूर है ज़ुल्मो सितम तेरा , मुझे जो भी दे बस जलवा दिखा कर दे ।<br />
तेरे बिन कौन जीना चाहता है अब , मेरी सांसों की थमने की दवा कर दे ।<br />
शहादत पे सियासत हो वतन मे तो , शहीदों के लहद को गुमशुदा कर दे।<br />
यहीं जीना यहीं मरना है दोनों को , यहीं तामीर काशी करबला कर दे। <br />
भटकना गलियों में मुझको नहीं आता, दिले-आशिक़ को दानी बावरा कर दे।<br />
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अता- देना ,लहद-क़ब्र, तसव्वुर-कल्पना ,फ़लक-गगन।, ज़िया-रौशनीѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-11012654179067652402010-06-13T17:22:00.001-07:002010-06-13T17:22:17.881-07:00दर्दे-दिलदर्दे- दिल के अब नज़ारे नहीं होते , आजकल उनके इशारे नहीं होते ।<br />
छोड़ कर जबसे गई तुम, कसम तेरी ,अब तसव्वुर भी तुमहारे नहीं होते ।<br />
गर पतंगे बे-खुदी मे नहीं जीते , शमा मे इतने शरारे नहीं होते ।<br />
जीत कर भी हारना है मुहब्बत में , जंग में इतने खसारे नहीं होते ।<br />
है हिदायत उस खुदा की ,करो उनकी तुम मदद जिनके सहारे नहीं होते ।<br />
ये दग़ाबाज़ी घरों से हुई अपनी , वरना हम भी जंग हारे नहीं होते ।<br />
ज़ख्म भी गहरा दर्द भी तेज़ है वरना, दुश्मनों को हुम पुकारे नहीं होते ।<br />
रो रही है धरती धूल धुआं कचरा से , आजकल मौसम इतने करारे नहीं होते।<br />
ज़ीस्त की कश्ती चली जनिबे सागर , इस सफ़र में फ़िर किनारे नहीं होते ।<br />
हुस्न से गर रब्त रखते नहीं दानी , तो जीवन भर हुम अभागे नहीं होते।<br />
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तसव्वुर- यादें शरारे=आग खसारे -नुकसान ज़ीस्त--जीवन जानिबे सागर-सागर की ओर।<br />
रब्त =संबंधѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-69865916649394280162010-06-12T19:54:00.001-07:002010-06-12T19:54:32.807-07:00तशनगीरात भर बेबसी सी होती है , सुबह फ़िर तशनगी सी होती है।<br />
फ़ूलों में खुशबू अब नहीं होते ,धूप मे भी नमी सी होती है।<br />
अपनी खुशियां सुकूं नहीं देती , तेरे ग़म से खुशी सी होती है ।<br />
मैं शराबी नहीं मगर तुझको , देखकर मयकशी सी होती है ।<br />
मुल्क में बहरों की सियासत है ,हर सदा अनसुनी सी होती है।<br />
पानियों का मुहाल है रुकना , ज़िन्दगी भी नदी सी होती है।<br />
सामने हुस्न जब भी आती है , कल्ब में खलबली सी होती है।<br />
गर जलावो मशाले ग़म त्तो ही, बा-अदब शाइरी सी होती है।<br />
बंद इक राह तो खुलेगी नई , मौत भी ज़िन्दगी सी होती है।<br />
सरहदों के सवाल पर दानी , क्यूं नसें बावरी सी होती हैं ।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-45618721112484752012010-06-11T18:30:00.001-07:002010-06-11T18:30:15.078-07:00दुशमनीआईनों से नहीं है दुशमनी मेरी , अक्श से अपनी डरती ज़िन्दगी मेरी।<br />
हुस्न ही है मुसीबत का सबब मेरा , क्यूं इबादत करे फ़िर बे-खुदी मेरी ।<br />
साहिलों की अदा मंझधार के दम से , लहरों को पेश हरदम बन्दगी मेरी ।<br />
घर वतन छोड़ आया हुस्न के पीछे , आज खुद पे हंसे सरकशी मेरी ।<br />
सूर्य से क्यूं नज़र लड़ाई थी ,है खफ़ा नज़रों से अब रौशनी मेरी ।<br />
सब्ज गुलशन समझ बैठा मै सहरा को , अब कहां से बुझेगी तशनगी मेरी।<br />
शमा के प्यार मे मै जल चुका इतना ,मर के अब रो रही है खुदकुशी मेरी ।<br />
मै बड़ी से बड़ी खुशियों को पकड़ लाया , दूर जाती गई छोटी खुशी मेरी।<br />
तू नहीं तो नशा कफ़ूर है दानी ,इक नज़र ही तुम्हरी मयकशी मेरी ।<br />
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6 मिनट पहले · प्रविष्टि संपादित करें · Delete Postѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-4854178024604784882010-06-09T18:10:00.001-07:002010-06-09T18:10:19.113-07:00मेरा सफ़ररात उम्मीद से भारी है , सुबह होने नहीं वाली है।<br />
मुश्किलों से भरा है सफ़र ,आज ज़ख्मों की दीवाली है।<br />
मैं चरागों का दरबान हूं , वो हवाओं की घरवाली है।<br />
क़ातिलों को ज़मानत मिली , न्याय मक़तूल ने पा ली है।<br />
मै खुदा को कहां ढूढूं अब , मन्दिरों मे भी मक्कारी है।<br />
सुख समन्दर मे पाता हूं मै , दिल किनारों का सरकारी है।<br />
क्यूं रखूं चांदनी से वफ़ा , बे -वफ़ाई से वो हारी है।<br />
लहरों का सर झुकाने चली , मेरी कश्ती खुरापाती है।<br />
झोपड़ी रास आती मुझे , महलों का दिल अहंकारी है।<br />
गो चढाई पहाड़ों सी है , पैरों की ज़ुल्फ़ें मतवाली हैं।<br />
पड़ चुके पैरों मे छाले गो , फ़िर भी मेरा सफ़र ज़ारी है।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-84742421210882609692010-06-08T20:08:00.001-07:002010-06-08T20:08:51.025-07:00तबस्सुमतेरे व्होंठो पे जब भी तबस्सुम दिखे ,मेरे दिल मे ग़ुनाहों का मौसम बने।<br />
गेसुयें तेरी लहराती है इस तरह , गोया बारिश के लश्कर का परचम तने।<br />
तेरी तस्वीर को जब भी शैदा करूं , तो मेरी आंखों से सूर्ख शबनम बहे ।<br />
दूर हूं तुझसे पर ख्वाहिशे दिल यही , दिल मे तू ही रहे या तेरा ग़म रहे ।<br />
तेरे चश्मे समन्दर का है यूं नशा , इस शराबी के पतवारों मे दम दिखे ।<br />
चांदनी बेवफ़ाई न कर और कुछ , चांद का कारवां फ़िर न गुमसुम चले। <br />
ईद दीवाली दोनों मिल के मनाया करें, हश्र तक अपना मजबूत संगम रहे।<br />
मैं चराग़ों की ज़मानत ले लूं सनम , गर हवायें तेरी सर पे हरदम बहे ।<br />
मेरी दरवेशी पे कुछ तो तू खा रहम, खिड़कियों मे ही अब अक्शे-पूनम सजे।<br />
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2 मिनट पहले · प्रविष्टि संपादित करें · Delete Postѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-19520256761836942272010-06-07T18:49:00.000-07:002010-06-07T18:49:44.990-07:00मेरी दिशादिशाओं से मेरी दिशा पूछ लेना , सितारों से मेरा पता पूछ लेना ।<br />
सफ़र मे अंधेरों का ही है सहारा , उजालों का सर क्यूं फ़िरा पूछ लेना । <br />
मैं तेरे लिये जान दे सकता भी हूं , मगर दिल में मेरी जगह पूछ लेना।<br />
ज़मीं जाह ज़र की इनायत है लेकिन , सुकूं मुझसे क्यूं है खफ़ा पूछ लेना।<br />
अदावत,बग़ावत, खयानत,सियासत , से इंसानों को क्या मिला पूछ लेना।<br />
चराग़ों की तहज़ीब भाती है मुझको , हवाओं का तुम फ़ैसला पूछ लेना।<br />
अभी न्याय की बस्ती मे मेरा घर है , ग़ुनाहों का दिल क्यूं दुखा पूछ लेना।<br />
फ़लक को झुकाने की कोशिश थी मेरी , फ़लक खुद ही क्यूं झुक गया पूछ लेना ।<br />
समन्दर से मुझको मुहब्बत है दानी, किनारों का तुम फ़लसफ़ा पूछ लेना।<br />
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फ़लक=गगन, जाह=सम्मान, ज़र=धन,अदावत=दुशमनी,।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2115869023732369307.post-68920081463801714262010-06-07T18:44:00.001-07:002010-06-07T18:44:20.038-07:00मेरी दिशादिशाओं से मेरी दिशा पूछ लेना , सितारों से मेरा पता पूछ लेना ।<br />
सफ़र मे अंधेरों का ही है सहारा , उजालों का सर क्यूं फ़िरा पूछ लेना । <br />
मैं तेरे लिये जान दे सकता भी हूं , मगर दिल में मेरी जगह पूछ लेना।<br />
ज़मीं जाह ज़र की इनायत है लेकिन , सुकूं मुझसे क्यूं है खफ़ा पूछ लेना।<br />
अदावत,बग़ावत, खयानत,सियासत , से इंसानों को क्या मिला पूछ लेना।<br />
चराओं की तहज़ीब भाती है मुझको , हवाओं का तुम फ़ैसला पूछ लेना।<br />
अभी न्याय की बस्ती मे मेरा घर है , ग़ुनाहों का दिल क्यूं दुखा पूछ लेना।<br />
फ़लक को झुकाने की कोशिश थी मेरी , फ़लक खुद ही क्यूं झुक गया पूछ लेना ।<br />
समन्दर से मुझको मुहब्बत है दानी, किनारों का तुम फ़लसफ़ा पूछ लेना।<br />
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फ़लक=गगन, जाह=सम्मान, ज़र=धन,अदावत=दुशमनी,।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttp://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.com0